अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद में बीती 14 मई की रात एक दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया, जब एक मर्सिडीज कार ने एक युवक को कुचल दिया और मौके से फरार हो गई। अब जाकर इस मामले में अहम खुलासा हुआ है—जांच में पता चला कि यह कार अहमदाबाद पुलिस के एक कांस्टेबल के बेटे विजय रबारी की थी। उसी रात विजय ही इसे चला रहा था। पुलिस ने आठ दिनों की जांच के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस देरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे का शिकार हुए राहुल भाटिया एक युवा फुटबॉलर हैं और सेंट जेवियर्स की टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। सोलापुर पुलिस के मुताबिक, जब वह रात को बाइक से घर लौट रहे थे, तभी पैलेडियम मॉल के पास तेज रफ्तार मर्सिडीज ने पीछे से टक्कर मार दी। राहुल को सिर में गंभीर चोट लगी और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया। घटना के बाद आरोपी विजय मौके से भाग निकला और राहुल की हालत नाजुक बनी हुई है।
राहुल का फिलहाल अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है और वे पिछले 8 दिनों से वेंटिलेटर पर हैं। चेहरे पर गहरी चोटों और ब्रेन हेमरेज की वजह से इलाज का खर्च 30 लाख रुपए तक पहुंच सकता है। लेकिन राहुल का परिवार आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, इसलिए वे सामाजिक संस्थाओं और लोगों से मदद लेकर इलाज के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। हर बीतते दिन के साथ उनके परिवार पर मानसिक और आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है।
इस मामले में अहम सवाल यह है कि अहमदाबाद पुलिस को एक मर्सिडीज कार और उसके चालक तक पहुंचने में पूरे 8 दिन कैसे लग गए। चूंकि आरोपी का पिता खुद पुलिस कांस्टेबल है, इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि जांच में जानबूझकर देरी की गई हो सकती है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि घटना स्थल पर न तो सीसीटीवी फुटेज मिला, न ही कोई गाड़ी का नंबर। इसके बावजूद तकनीकी टीम की मदद से जांच आगे बढ़ाई गई और आखिरकार विजय को गिरफ्तार कर कार जब्त कर ली गई है। आगे की कार्रवाई जारी है।